
NaradSandesh।। फरीदाबाद,12 सितंबर,2023: सरकार व स्वास्थ्य विभाग के अड़ियल रवैए के कारण आशा वर्करों की हड़ताल लंबी खिंचती जा रही है। यह आरोप आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान हेमलता ने डीसी आफिस पर हड़ताली आशा वर्करों को संबोधित करते हुए लगाया। आशा वर्करों की हड़ताल मंगलवार को 36 वें दिन भी जारी रही। जिला प्रधान हेमलता ने कहा कि बीस हजार आशा वर्कर 8 अगस्त से आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, तब तक 26 हजार रुपए न्यूनतम मासिक वेतन देने, इंसेंटिव में 50 प्रतिशत कटौती राशि को बहाल करने, ईपीएफ एवं ईएसआई की सुविधा प्रदान करने, रिटायरमेंट पर सम्मानजनक पेंशन व ग्रेज्यूटी देने आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। लेकिन मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के किसी भी आला अधिकारी ने अभी तक मांगों का समाधान करना तो दूर बातचीत तक करना आवश्यक नहीं समझा। जिसको लेकर बीस हजार आशा वर्कर्स में सरकार व विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार को डीसी आफिस पर हुए प्रदर्शन को जिला प्रधान हेमलता के अलावा सुशीला चौधरी, संगीता, सीटू के जिला प्रधान कामरेड निरंतर पाराशर, सचिव कामरेड वीरेंद्र डंगवाल व उप प्रधान शिव प्रसाद आदि ने भी संबोधित किया।
जिला प्रधान हेमलता ने आशाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री 20 हजार आशाओं की बात नहीं सुन रहे। ये आशा वर्कर्स हरियाणा की 2 करोड़ की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। पिछले 5 साल में महंगाई दो गुणा से ज्यादा बढ़ गई। आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग का जो काम करती थी उसे 5 गुणा बढ़ा दिया गया है। लेकिन एक नए पैसे की बढ़ौतरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री कोरोना के समय आशाओं के काम की तो तारीफ कर रहे थे। लेकिन बार बार आंदोलन के बावजूद आज तक उन्होंने आशाओं की सुध नहीं ली। पिछले 3 साल से एक बार भी मुख्यमंत्री ने आशा वर्कर यूनियन से बात नहीं की।