
NaradSandesh।।फरीदाबाद,28 सितंबर,2023: मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की अध्यक्षता में आशा वर्कर यूनियन हरियाणा व सरकार के बीच कल शुक्रवार को चंडीगढ़ में बातचीत होगी। आशा वर्कर यूनियन की उपाध्यक्ष सुधा ने कहा है कि सम्मान जनक समझौता नहीं हुआ तो आशा वर्करों की हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने यह धोषणा बृहस्पतिवार को डीसी आफिस पर धरने पर बैठी आशा वर्करों को संबोधित करते हुए की। धरने की अध्यक्षता आशा वर्कर यूनियन की जिला उप प्रधान अनीता ने की और धरने को शाहीन प्रवीन व रेखा ने भी संबोधित किया। बृहस्पतिवार को हड़ताली आशा वर्करों के धरने पर अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रहे सुभाष लांबा, सीआईटीयू के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सतबीर सिंह, जिला प्रधान निरंतर पाराशर, जनवादी महिला समिति हरियाणा की महासचिव सविता आदि भी पहुंचे।
उन्होंने आशा वर्करों की हड़ताल व मांगों का समर्थन किया। धरने पर बृहस्पतिवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 11वीं जयंती के अवसर पर भगतसिंह को याद किया और उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की गई। आशा वर्कर यूनियन की राज्य उपाध्यक्ष सुधा ने कहा कि बीस हजार आशा वर्कर 8 अगस्त से आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी धोषित करने,तब तक 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन देने, इंसेंटिव में 50 प्रतिशत कटौती को बहाल करने, ईएसआई व ईपीएफ की सुविधा देने, रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने और रिटायरमेंट पर सम्मानजनक पेंशन व ग्रेज्यूटी देने आदि मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताली आशा वर्करों ने 25 सितंबर को प्रदेशभर में डीसी आफिस पर जेल भरो आंदोलन किया और सामूहिक गिरफ्तारियां दी। सफल जेल भरो आंदोलन व हड़ताल से सरकार दबाव में आई और शुक्रवार को हड़ताली आशा वर्कर यूनियन के नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। कामरेड सतबीर सिंह ने मांगों का निपटान कर हड़ताल खत्म करवाने की सरकार से मांग की।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने शहीद-ए-आजम भगतसिंह की जयंती पर आशाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी के 76 साल बीत जाने के बावजूद भगतसिंह के सपने अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि भगतसिंह का सपना शोषणविहीन एवं बराबरी के समाज की स्थापना करना चाहता था। जिसमें जाति, धर्म, नस्ल के आधार पर कोई भेदभाव न हो और उत्पादन के संसाधनों पर सभी का एक समान अधिकार हो। उन्होंने कहा कि आज हस्ते हस्ते फांसी के फंदे को चूमने वाले भगतसिंह को पाठ्यक्रम से निकल दिया और और अंग्रेजों के साथ सहयोग करने वालों में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें भगतसिंह विचारों को जन जन तक पहुंचाने और भगतसिंह के सपनों का भारत बनाने के लिए मजदूरों, किसानों, नौजवानों, छात्रों और शोषितों पीड़ितों की व्यापक एकता के साथ निर्णायक आंदोलन का निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया। धरने प्रदर्शन में शामिल सभी आशा वर्करों ने इसका पुरजोर समर्थन किया।